अजमोद चाय: तैयारी और प्रभाव
सही तैयारी के साथ, एक अजमोद चाय विभिन्न लक्षणों को कम कर सकती है। आप अजमोद की चाय को आसानी से कैसे तैयार कर सकते हैं और इसके क्या प्रभाव हैं, आप निम्नलिखित व्यावहारिक टिप में पढ़ सकते हैं।
अजमोद चाय तैयार करें - यह कैसे काम करता है
अजमोद चाय बनाने के लिए, आपको पौधे की पत्तियों, तनों, फलों या जड़ों की आवश्यकता होती है।
- अजमोद को छोटे टुकड़ों में क्रश करें और एक या दो चम्मच एक बड़े गिलास में डालें।
- फिर अजवायन के ऊपर लगभग एक चौथाई लीटर उबलता पानी डालें।
- चाय को दस मिनट के लिए खड़ी होने दें ताकि प्रभाव विकसित हो सके।
- अनुशंसित खुराक दिन में दो से तीन कप है।
- लंबे समय तक उपयोग कभी-कभी जटिलताओं का कारण बन सकता है क्योंकि चाय कुछ मांसपेशियों की गतिविधि को उत्तेजित करती है।
- अजमोद चाय का गर्भ में मांसपेशियों पर एक मजबूत प्रभाव पड़ता है, यही कारण है कि आपको गर्भावस्था के दौरान अजमोद चाय का सेवन नहीं करना चाहिए।
अजमोद चाय - इसके ये प्रभाव हैं
अजमोद की चाय पीने के कई सकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं।
- अजमोद चाय मूत्रवर्धक है और इस प्रकार क्षतिग्रस्त मूत्र पथ या गुर्दे की सूजी के साथ मदद कर सकती है।
- उपचार का आंतों के शूल, सूजन और यहां तक कि मासिक धर्म में ऐंठन पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- हेलकंडे के विशेषज्ञों का यह भी दावा है कि अजमोद की चाय हल्के गठिया और पेरेहूमेटिक शिकायतों, जैसे गाउट पर सुखदायक प्रभाव डालती है।
- अंत में, अजमोद चाय भी स्वर बैठना और सांसों की बदबू से मदद करता है।
अगले व्यावहारिक टिप में आप पढ़ेंगे कि आप अजवायन जैसे अजमोद को ओवन, फ्रीज़र और हवा में कैसे सुखा सकते हैं।